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  • वरुथिनी एकादशीदिनांक - 04मई 2024, शानिवारमाह - वैशाख पक्ष - कृष्णप्रारंभ - 03 मई 2024 को दोपहर 11:24 बजेसमाप्त - 04 मई 2024 को दोपहर 08:39 बजे
  • प्रकृति से ही प्रगति संभव हैयह बात सच प्रतिशत सत्य है की प्रकृति से ही प्रगति संभव है क्योंकि बिना प्रकृति के जीवन यापन संभव नहीं है और जब जीवन ही नहीं होगा तो हम प्रगति का तो सोच ही नहीं सकतेप्रगति होने से वातावरण सुंदर और स्वच्छ रहता है जिससे जीवन जीने का स्तर बढ़ जाता है जब प्रकृति भरपूर थी रोग हमसे दूर भागते थे और हम अपने कार्य की प्रगति में लगे रहते थेजैसा कि आप सब जानते हैं कि इस समय सभी जंगलों को काटकर कंक्रीट के जंगलों में परिवर्तित किया जा रहा है प्रगति तो हो रही है पर दूसरी तरफ जिसके परिणाम स्वरुप जमकर वायु परिवर्तन हो रहा है तथा तरह-तरह के रोग आ गए हैं और हम सिर्फ विनाश की ओर जा रहे हैं और कहीं नहींअंततोगत्वा मैं अपने इस विचार के साथ अपनी वाणी को विराम दूंगा कि हमें सिर्फ और सिर्फ प्रकृति की प्रगति करनी है प्रकृति ही हमारी प्रगति कर देगी मेरे इस उपकयां का सार यही है की प्रकृति से ही प्रगति संभव है***रविंद्र कुमार गुप्ता पर्यावरण प्रेमी
  • होली से पहले दिल्ली में रंगोत्सव का रंगमंच
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होली से पहले दिल्ली में रंगोत्सव का रंगमंच

Mar 28, 2024Apr 2, 2024 admin@morning24
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    May 28, 2024 admin@morning24 0

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    Apr 22, 2024 admin@morning24 0

    प्रकृति से ही प्रगति संभव हैयह बात सच प्रतिशत सत्य है की प्रकृति से ही प्रगति संभव है क्योंकि बिना प्रकृति के जीवन यापन संभव नहीं है और जब जीवन ही नहीं होगा तो हम प्रगति का तो सोच ही नहीं सकतेप्रगति होने से वातावरण सुंदर और स्वच्छ रहता है जिससे जीवन जीने का स्तर बढ़ जाता है जब प्रकृति भरपूर थी रोग हमसे दूर भागते थे और हम अपने कार्य की प्रगति में लगे रहते थेजैसा कि आप सब जानते हैं कि इस समय सभी जंगलों को काटकर कंक्रीट के जंगलों में परिवर्तित किया जा रहा है प्रगति तो हो रही है पर दूसरी तरफ जिसके परिणाम स्वरुप जमकर वायु परिवर्तन हो रहा है तथा तरह-तरह के रोग आ गए हैं और हम सिर्फ विनाश की ओर जा रहे हैं और कहीं नहींअंततोगत्वा मैं अपने इस विचार के साथ अपनी वाणी को विराम दूंगा कि हमें सिर्फ और सिर्फ प्रकृति की प्रगति करनी है प्रकृति ही हमारी प्रगति कर देगी मेरे इस उपकयां का सार यही है की प्रकृति से ही प्रगति संभव है***रविंद्र कुमार गुप्ता पर्यावरण प्रेमी

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